इंसानी रूप में मेरी ही संवेदनाएं मर गई तुम्हारे लिए। इंसानी रूप में मेरी ही संवेदनाएं मर गई तुम्हारे लिए।
ज़िन्दगी की कठिनाइयों को झेलने की ऊर्जा के साथ हम चल पड़े। ज़िन्दगी की कठिनाइयों को झेलने की ऊर्जा के साथ हम चल पड़े।
मेरे सपनों का प्यार कुछ ऐसा होता जो मेरे जिस्म को नहीं रूह को संवारता, मेरे सपनों का प्यार कुछ ऐसा होता जो मेरे जिस्म को नहीं रूह को संवारता,
परिंदा मेरे मन का छटपटाता उड़ने को प्रयास लम्बी उड़ान के लिए अधूरी लालसा लिए लौट परिंदा मेरे मन का छटपटाता उड़ने को प्रयास लम्बी उड़ान के लिए अधूरी...
वही मेरे जीवन का आधार मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार। वही मेरे जीवन का आधार मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार।
यह कविता मेरे जीवन की सच्चाई है.... यह कविता मेरे जीवन की सच्चाई है....